चंडीगढ़ में तैयार होने लगे 'रावण'; इस बार दशहरे पर यहां होगा सबसे ऊंचे 'दशानन' का दहन, कितनी रहेगी हाइट, अलीगढ़ से आए कारीगर

Chandigarh Tallest Ravana Effigy 2024 Dussehra Ravan Dahan Timing

Chandigarh Tallest Ravana Effigy 2024 Dussehra Ravan Dahan Timing

Chandigarh Ravan Effigies 2024: देशभर में हर बार की तरह इस बार भी दशहरे के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। चंडीगढ़ में भी तैयारी जोरों पर है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न रामलीला कमेटियां रावण और मेघनाद-कुंभकरण के पुतले बनवाने में लगी हुईं हैं। पुतले कुछ हद तक तैयार भी हो चुके हैं। वहीं इस बार सेक्टर-46 में शहर के सबसे ऊंचे 'दशानन' का दहन किया जाएगा। सेक्टर-46 रामलीला एंव दशहरा कमेटी की तरफ से शहर में सबसे बड़ा और ऊंचा रावण बनाया जा रहा है।

चंडीगढ़ के सेक्टर-46 में 120 फीट ऊंचा रावण बन रहा

चंडीगढ़ में सेक्टर-46 रामलीला एंव दशहरा कमेटी की तरफ से 120 फीट ऊंचा रावण बनाया जा रहा है। रावण की हाइट जहां 120 फीट है तो वहीं उसकी चौड़ाई लगभग 12 फीट रखी जा रही है। शहर के इस सबसे ऊंचे रावण को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से कारीगर चंडीगढ़ पहुंचे हैं। जो कि रावण की रूप रेखा तैयार कर रहे हैं और रावण के पुतले को अंतिम रूप देंगे। बताया जा रहा है कि, सेक्टर-46 दशहरा ग्राउंड में 8 तारीख को रावण, मेघनाद-कुंभकरण के पुतले खड़े कर दिए जाएंगे।

Chandigarh Tallest Ravana Effigy 2024 Dussehra Ravan Dahan Timing

Chandigarh Tallest Ravana Effigy 2024 Dussehra Ravan Dahan Timing

 

चंडीगढ़ के इन हिस्सों में भी तैयार किए जा रहे रावण

चंडीगढ़ में सेक्टर-46 के अलावा 17 परेड ग्राउंड, 43 में 55 फीट का रावण, 41, 42, 37, 30, 7, 22, 20, 29, 34, राम दरबार, डड्डु माजरा/धनास और बापूधाम में भी रावण, मेघनाद-कुंभकरण के पुतले खड़े किए जाएंगे। वहीं 12 अक्टूबर को दशहरे वाले दिन रावण दहन होगा। साथ में मेघनाद-कुंभकरण के पुतले भी जलाए जाएंगे। पॉल्यूशन कम हो, इसके लिए पुतलों को इको फ्रेंडली ग्रीन पटाखों से भरने की परमिशन है। पुतलों में लोहा, बांस, कागज, कपड़े और फाइबर का भी इस्तेमाल होगा।

चंडीगढ़ में 2019 में जला था दुनिया का सबसे ऊंचा रावण

दुनिया के सबसे ऊंचे रावण का रिकार्ड चंडीगढ़ के नाम है। चंडीगढ़ में 2019 में 221 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया था। 221 फीट रावण के इस पुतले को तेजिंदर राणा ने चंडीगढ़ के धनास गांव में तैयार करवाया था जिसे देखने के लिए 2 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे। रावण के पुतले का दहन रिमोट से किया गया था।

इसकी खासियत यह थी कि जहां रावण की ऊंचाई 221 फीट थी तो वहीं रावण की 40 फीट लंबी मूछें थीं। इसके साथ ही रावण की 55 फुट की तलवार थी, जबकि ढाल 12 फुट की थी। तलवार का वजन 2 क्विंटल था। रावण को तैयार करने में 3 महीने से ज्यादा का वक्त लगा था और इसमें 40 लोगों की टीम लगी हुई थी और 30 लाख का खर्च आया था।

दशहरा का पर्व क्यों मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस खास अवसर पर देशभर में कुंभकरण, रावण और मेघनाथ के पुतले दहन (Dussehra 2024 Ravana Dahan) किए जाते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार, दशमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। मतलब रावण जोकि बुराई का प्रतीक था उसका श्रीराम ने नाश किया था। इसीलिए आज भी बुराई पर अच्छाई की जीत मानकर रावण का दहन किया जाता है। इस बार दशहरे का पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

रिपोर्ट- रजिंदर बजाज